Everything About Zombie Virus in Hindi – बर्फ से निकला जोंबी वायरस

विनाश परिवर्तन दीर्घकालिक विनाश मानव जीवन के हर पहलू को खतरे में डालता है। यह एक ऐसी चुनौती है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो मानव जीवन पर संकट आ सकता है और अब खतरे की घंटी बज चुकी है. साइबेरिया में बर्फ पिघलने से खतरा पैदा हो गया है। ऐसा फ्रेंच ब्रोशर ने दावा किया है। दरअसल, फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस को खोजने का दावा किया है और अब इससे अफवाहें उठने की आशंका जताई है। इस खोज के बाद वैज्ञानिकों की नींद उड़ गई है।

बर्फ में दबे मिले 13 नए खतरनाक कीटाणु

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने साइबेरिया के क्षेत्रों में पर्माफ्रॉस्ट के नीचे संग्रह से 13 नए रोगाणु निकाले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे जॉम्बी वायरस का नाम दिया है। उन्होंने बताया कि कई हजार साल बर्फीले मैदान में रहने के बावजूद वे संक्रामक होते जा रहे हैं. इस प्राचीन अज्ञात विषाणु की उग्रता संक्रामक जानवर और मानव के मामले में स्थिति को और भी बदतर बना सकती है। स्टडी में सामने आए 13 वायरस से खतरा है। इन सभी वायरस का अपना नजरिया है।

अध्ययनों के अनुसार, प्राचीन जमे हुए विषाणु जो वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद जीवन में आते हैं, वे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सभी जॉम्बी वायरस संभावित रूप से लोगों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जो इंसानों के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ये सूक्ष्मजीव जीवित प्राणियों में खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

ज़ोंबी वायरस के साथ, वैज्ञानिकों ने पर्माफ्रॉस्ट के नीचे साइबेरियाई भेड़िये की आंत और विशाल ऊन की भी खोज की है।

वैज्ञानिक सचेत करते हैं कि उत्तरी गोलार्ध का लगभग एक-चौथाई हिस्सा पर्माफ्रॉस्ट से भरा हुआ है, जिसमें स्थायी रूप से जमे हुए बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। जैसे-जैसे जलवायु गर्म हो रही है, पर्माफ्रॉस्ट अपरिवर्तनीय रूप से पिघल रहा है, जिससे लाखों वर्षों से जमे हुए कार्बनिक पदार्थ निकल रहे हैं। कार्बनिक पदार्थ भी मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड में विघटित हो जाते हैं, जिससे ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा होता है।

सबसे पुराने जोंबी वायरस का नाम पैंडोरावायरस येडोमा दिया गया

रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन मांद को रूस के साइबेरिया में हुए शोध के आधार पर इन वायरस के बारे में पता चला है, वे इस वायरस को विशेष प्रयोजन के लिए पुनर्जीवित कर सकते हैं, अलग-अलग जर्मिनल डाइयूरेटिक्स में काम कर सकते हैं। सभी का नाम जॉम्बी वायरस है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रीच ने कहा कि यह वायरस सालों तक बर्फ में जमा रहा, बावजूद इसके इन संक्रमणों को फैलाने की क्षमता बनी रहती है. इनमें से सबसे पुराने वायरस जोंबी वायरस को पैंडोरावायरस येडोमा नाम दिया गया है। जर्म प्रजाति के इस प्राचीन सदस्य ने उम्र के लिहाज से एक और खतरनाक जर्म रिकॉर्ड भी तोड़ा है। साल 2013 में मिले उस वायरस की उम्र 30 हजार साल बताई गई थी लेकिन पैंडोरा वायरस येडोमा उससे 18 हजार 500 साल से भी ज्यादा पुराना है।

FAQs

  • एक ज़ोंबी वायरस क्या है?
    जॉम्बी वायरस शब्द का प्रयोग उन वायरसों के लिए किया जाता है जो हजारों वर्षों से सुप्त अवस्था में हैं।
  • क्या जॉम्बी वायरस इंसानों के लिए खतरा हैं?
    वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि जॉम्बी वायरस ऐसे रोग पैदा कर सकते हैं जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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